Khayal in Hindi, ख्याल

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Khayal in Hindi, ख्याल


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ख्याल ||

    ख्याल एक फ़ारसी शब्द है जिसका अर्थ है कल्पना। ख्याल का अर्थ है राग के नियमों का पालन करते हुए आलापतानखटकामुर्की, आलंकारों आदि से सजाकर किसी रचना का सुंदर रुप पेश करना।
    ख्याल गायकी में स्वर की सफाई और गले की तैयारी दोनों महत्वपूर्ण हैं। ध्रुपद की तरह गमक का उपयोग नहीं किया जाता। इसमें श्रृंगार रस प्रधान है।

ख्याल के प्रकार:-

 विलंबित और द्रुत ख्याल हैं।

1. बड़ा या विलंबित ख्याल :-

    यह कहा जाता है कि जौनपुर के बादशाह सुलतान हुसेन शर्की ने 15वीं सदी में इसे बनाया था। यह एक ताल,

तिलवाडा ताल, झपताल आदि में धीमी गति में गाया जाता है। इसका स्वभाव गंभीर है। इसमें कम शब्द हैं और 
बोल स्थाई अंतरा गाने के बाद आलाप करते हैं। फिर चार या आठ गुण में तानें गाते हैं।

2. छोटा या द्रुत ख्याल:-

    माना जाता है कि 14वीं सदी में अमीर खुसरो ने छोटे ख्याल को कव्वाली के आधार पर बनाया था। नाम से ही पता चलता है कि इसे तीन ताल, एक ताल, झपताल आदि में द्रुत या तेज गति में गाया जाता है। इसका स्वभाव अस्थिर है। इसकी कविता छोटी है। इसमें करुण रस और श्रृंगार की प्रधानता है। आलाप के बाद दुगुन, चौगुन और आठगुन में ताने गाते हैं। 

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