|| चौताल या चार ताल ||
ताल का परिचय— इस
ताल में बारह
मात्राएं हैं।
2-2 मात्राओं में
छह भाग हैं।
5 वीं, 9 वीं और
11 वीं मात्रा पर
सम, तीसरी और
सातवीं मात्रा पर
खाली (0) ताली होती
है। इस ताल
को ध्रुपद गायन
में उपयोग किया
जाता है। यह
एक पखावज ताल
है। इस ताल
को खुले बोलों
में पखावज पर
बजाया जाता है।
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