Jaati in Hind, जाति

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Jaati in Hind, जाति

 

जाति

        रागों की जाति बताती है कि रागों के आरोह और अवरोह में कितने स्वर प्रयोग किए गए हैं।
औड़व जाति का राग पांच स्वरों का होता है।
षाड़व जाति का राग 6 स्वरों का होता है।
सम्पूर्ण जाति का राग 7 स्वरों का होता है।
        राग नियम कहते हैं कि रागों का आरोह और अवरोह दोनों होना चाहिए। इसलिए ये तीन जातियां मिलकर नौ जातियां बन जाती हैं। ऐसे-
(1)
आरोह-अवरोह दोनों में 5-5 स्वर = औड़व-औड़व जाति बनती है।
आरोह में 5, अवरोह में 6 स्वर = औड़व षाड़व जाति बनती है।
आरोह में 5, अवरोह में 7 स्वर = औड़व-सम्पूर्ण जाति होती है।

(2) ऐसे ही आरोह में 6 स्वर, अवरोह में 5 स्वर = षाड़व औड़व जाति बनती है।
आरोह में 6 स्वर, अवरोह में 6 स्वर = षाड़व षाड़व जाति बनती है।
आरोह में 6 स्वर, अवरोह में 7 स्वर = षाड़व-सम्पूर्ण जाति बनती है।
(3)
ऐसे ही आरोह में 7 स्वर, अवरोह में 5 स्वर = सम्पूर्ण औड़व जाति बनती है।
आरोह में 7 स्वर, अवरोह में 6 स्वर = सम्पूर्ण षाड़व जाति बनती है।
आरोह में 7 स्वर, अवरोह में 7 स्वर = सम्पूर्ण-सम्पूर्ण जाति होती है।

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