॥ लय ॥
हमारे जीवन में हर समय चलने-फिरने, बोलने आदि में एक लय और
समान गति होती है. यही कारण है कि जब भी कोई गायन या वादन करता है, तो उसकी चाल या
गति समान रहती है। लय, संगीत में समान चाल का नाम है। तीन तरह की लय होती है।
1. विलंबित लय:-
धीमी लय को विलंबित लय कहते हैं।
विलंबित लय में बड़े ख्याल, ध्रुपद, ताल धमार, मसीत खानी गतें, एक
ताल, ताल तिलवाड़ा, झूमरा आदि में गाए जाते हैं।
2. मध्य लय:-
मध्य लय धीमी या तेज नहीं होती। हम
घड़ी के टिक-टिक से इसकी तुलना कर सकते हैं। इस लय में भजन, गीत और छोटे
ख्याल आदि गाए जाते हैं।
3. द्रुत लय:-
द्रुत लय होती है जब मध्य लय की गति
दोगुनी होती है। इसमें छोटे ख्याल तराने जैसे गाए जाते हैं।
इन तीनों लयों में कठोर नियम नहीं हैं। किसी भी लय को गायक या वादक चाहे विलम्बित
या द्रुत कर सकता है।
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